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स्वर्ग से आए हैं तीन फूल अपराजिता, पारिजात और मधुकामिनी, जानिए मधुकामिनी क्या है?  #मधुकामिनी के फूल गर्मियों में खिलते ...
15/05/2025

स्वर्ग से आए हैं तीन फूल अपराजिता, पारिजात और मधुकामिनी, जानिए मधुकामिनी क्या है?
#मधुकामिनी के फूल गर्मियों में खिलते हैं। घर में अगर एक बार आपने कामिनी के फूल का पौधा लगा दिया तो ४-५ वर्ष या इससे अधिक समय तक फूल आते रहेंगे। सौंधी और मनमोहक खुशबू के कारण इसे अपने घर की बालकनी में लगाना बहुत ही आसान है।
मधुकामिनी प्लांट को सबसे अच्छे इनडोर और आउटडोर पौधों में से एक माना जाता है। वास्तु के अनुसार यह प्लांट घर-आंगन को खुशियों से भर सकता है।जरूरी बात यह है कि यह कम रखरखाव वाला पौधा है और इसमें सुगंधित फूलों के गुच्छे होते हैं जो सुंदर ति‍तलियों और चिड़ियों को बहुत आकर्षित करते हैं।
मधुकामिनी फूल का वनस्पति नाम है मुराया पैनीकुलेटम। यह एक सफेद रंग का फूल है जो घर की सज्जा के साथ औषधि के लिए भी प्रयोग किया जाता है

खूशबूदार फूलों में से मधुकामिनी दिन रात महकने वाला प्लांट है। यह एक सदाबहार झाड़ीनुमा पौधा है जिसका आकार ५-१५ फिट तक होता है। नारंगी यानी संतरा जैसी सुगंध आने के कारण इसको ऑरेंज जैस्मीन नाम से भी जाना जाता है। इसके फूलों का रंग सफेद होता है!
इसके फूलों की मनभावन सुगंध मानसिक तनाव को दूर करने वाली होती है!

मान्यता है कि जो तीन फूल स्वर्ग से आए हैं उसमें #अपराजिता, #पारिजात के साथ तीसरा फूल मधुकामिनी ही है...


मधुकामिनी के लाभ

इसके मात्र २ पत्तों को उबाल कर पीने से श्वास रोग में बहुत ज्यादा लाभ होता है। गला साफ़ होता है।

इसके फूलों को बेडरूम में रखने से दाम्पत्य जीवन सुखी रहता है। ऐसा माना गया है।

मधुकामिनी की पत्तियां शुभकारी होती हैं इसीलिए विवाह मण्डपों में इसका प्रयोग होता है।

तमिल भाषा में इसे वेंगराए और तेलगु में नागागोलुंग , मराठी में कुंती तो मणिपुरी में कामिनी कुसुम कहा जाता है। कन्नड़ में काडु कारिबेयु तो मलयालम में #मारामुला कहा जाता है।

Sabjiyon Se bhare bagicha.
28/02/2025

Sabjiyon Se bhare bagicha.

घरों में लोग महंगे-महंगे एयर प्यूरीफायर लगाते हैं, तब जाकर कहीं अच्छी सांस आती हैं, हालांकि घर के अंदर के पॉल्यूशन लेवल ...
05/02/2025

घरों में लोग महंगे-महंगे एयर प्यूरीफायर लगाते हैं, तब जाकर कहीं अच्छी सांस आती हैं, हालांकि घर के अंदर के पॉल्यूशन लेवल को कम करने के लिए आप कुछ और नेचुरल किफायती तरीके भी आजमा सकते हैं। दरअसल कुछ ऐसे पौधे भी होते हैं, जिन्हें घर में लगाने से प्रदूषण का स्तर कम होता हैं और हवा प्राकृतिक रूप से प्यूरीफाई होती हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही पौधों के बारे में।

1. पीस लिली (Peace Lily):- जैसा इस पौधे का नाम हैं, ठीक वैसा ही इसका काम भी हैं। सफेद रंग के फूलों वाला यह पौधा, जिस भी जगह पर लगाया जाता हैं, उस जगह के वातावरण को पूरी तरह से शुद्ध कर देता हैं। लिली परिवार के इस पौधे की खुशबू भी बहुत ही अच्छी होती हैं। आज के समय में जब हर जगह एयर पॉल्यूशन इतना बढ़ गया हैं, ऐसे में घर में इस पौधे को लगाकर काफी हद तक हवा को शुद्ध किया जा सकता हैं। यह एक इंडोर पौधा हैं जिसे ज्यादा देख-रेख की जरूरत नहीं पड़ती हैं।

2. स्नेक प्लांट (Sansevieria):- इसे बेडरूम प्लांट, मदर-इन-लॉ टंग प्लांट या सेन्सेविरिया आदि कई नामों से जाना जाता हैं। यह भी एक तरह का इनडोर प्लांट हैं, जिसे घर के लिविंग रूम में बहुत आसानी से लगाया जा सकता हैं। यह प्लांट एयर पॉल्यूशन को कम करके हवा को शुद्ध करने का काम करता हैं। इस प्लांट से जुड़ी सबसे खास बात यह हैं कि ये दिन के साथ-साथ रात में भी एयर में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड को सोखकर ऑक्सीजन प्रोड्यूस करने का काम करता हैं।

3. मनी प्लांट (Pothos):- यह सबसे पॉपुलर इंडोर प्लांट्स में से एक हैं, जो लगभग हर घर और ऑफिस में देखने को मिल ही जाता हैं। बता दें ये भी एक बहुत ही अच्छा एयर प्यूरीफायर प्लांट हैं। ये प्लांट हवा में मौजूद टॉक्सिक एलिमेंट को अब्जॉर्ब करके हवा को शुद्ध बनाने में मदद करता हैं। इसे मिट्टी और पानी दोनों में लगा सकते हैं।

4. एरिका पाम (Areca Palm):- यह घरों में सबसे ज्यादा लगाए जाने वाला पौधा हैं। इसकी बड़ी-बड़ी पत्तियाँ देखने में बहुत ही खूबसूरत लगती हैं। घर में बड़ी ही आसानी से लगने वाला यह पौधा आस-पास के वातावरण के लिए बहुत ही अच्छा होता हैं। यह पौधा जिस भी जगह पर लगा होता हैं वहां की हवाओं से फॉर्मेल्डिहाइड, कार्बन डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी जहरीली गैसों को अब्जॉर्ब करने का काम करता हैं। जिससे हवा फ्रेश और टॉक्सिन फ्री बनी रहती हैं।

5. जी जी प्लांट (ZZ plant):- यह एक बेस्ट एयर प्यूरीफायर इनडोर प्लांट हैं। कम रोशनी और कम पानी में इसे आसानी से घर के अंदर लगाया जा सकता हैं। यह प्लांट जिस भी जगह पर लगाया जाता हैं उस जगह की एयर में मौजूद सभी टॉक्सिक गैसे जैसे कार्बन मोनोऑक्साइड और फॉर्मेल्डिहाइड गैस को अब्जॉर्ब करके हवा को शुद्ध करने का काम करता हैं।

22/01/2025

Balloon decoration in car at occasion of birthday.
❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
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19/10/2024
केसर को अब कश्मीर के अलावा अन्य राज्यों में भी उगाया जाने लगा हैं। इसे उगाने के लिए 10°c से 25°c तापमान जरूरी होता हैं। ...
17/10/2024

केसर को अब कश्मीर के अलावा अन्य राज्यों में भी उगाया जाने लगा हैं। इसे उगाने के लिए 10°c से 25°c तापमान जरूरी होता हैं। अगर आपके राज्य में सर्दियां (Winter season) पड़ती हैं तो केसर को उगा सकते हैं। इसे उगाने के लिए इसके बल्ब चाहिए जोकि ऑनलाइन मिल जाएंगे। केसर के बल्ब अक्टूबर से नवम्बर तक लगा सकते हैं। इसके बल्ब लगाने के लिए बलुई या दोमट मिट्टी चाहिये। इसके लिए एक भाग मिट्टी, एक भाग वर्मीकम्पोस्ट और एक भाग रेत लेंगे, फिर तीनों को अच्छे से मिक्स करके गमले या ग्रो बैग में भर लेंगे। फिर मिट्टी में केसर के बल्ब को दबा देंगे, ध्यान दें कि केसर का चोटी वाला हिस्सा ऊपर की तरफ रखना हैं। इसके बाद पानी डालकर गमले या ग्रो बैग को सेमी-शेड वाली जगह पर रख देंगे, जहां सुबह की 4-5 घंटे की हल्की धूप आती हो। केसर के पौधे को तेज धूप से बचाकर रखें। इसमें पानी तभी डाले जब इसकी मिट्टी सूखी दिखाई दें, ज्यादा पानी डालने से इसके बल्ब गल भी सकते हैं। लगभग 12 से 15 दिन में इसके बल्ब अंकुरित होने लगेंगे और 50 से 55 दिन बाद इनमें फूल आना शुरू हो जाएंगे। केसर के फूल हल्के बैंगनी रंग के होते हैं और इसके फूलों के अंदर तीन स्टिग्मा होते हैं, इन्हे ही केसर बोला जाता हैं। इन्हे सावधानी से तोड़कर निकाल लीजिए और छांव में सुखा दीजिए। सूख जाने के बाद आप इनका इस्तेमाल कर सकते हैं। पोस्ट पसंद आया हो तो Like करके हमारे इस पेज को Follow जरूर करें, धन्यवाद

khayalon ka

अगर आपके निम्बू का पौधा Mature हो गया है तो है सबसे पहले इसके सभी ब्रांचेज के अंतिम भाग को १-२ इंच काट दीजिए। इसके बाद इ...
13/10/2024

अगर आपके निम्बू का पौधा Mature हो गया है तो है सबसे पहले इसके सभी ब्रांचेज के अंतिम भाग को १-२ इंच काट दीजिए। इसके बाद इसकी मिट्टी की गुड़ाई करें और गमले में उगे सभी घास-फूस को निकल दें। अब आपको कम से कम 100 ग्राम बोनमील और 200 ग्राम गोबर की खाद मिलाकर मिट्टी में दाल देना है और इन्हे अछि तरह मिट्टी में मिला देना है। हमेशा याद रखें की बोनमील पूरी तरह ऑर्गनिक होता है और यह पौधों में फूल और फल आने की छमता को बढ़ता है इस कारण हमें इसका इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। कुछ दिनों बाद आपके निम्बू के पौधे में भी फूल और फल आना शुरू हो जाएगा।
#निम्बू

करी पत्ते का पौधा घना नही हो रहा हैं या उसकी ग्रोथ रूक गई हैं तो इन कुछ टिप्स को तुरंत फॉलो करें :-● करी पत्ते के पौधे क...
13/10/2024

करी पत्ते का पौधा घना नही हो रहा हैं या उसकी ग्रोथ रूक गई हैं तो इन कुछ टिप्स को तुरंत फॉलो करें :-

● करी पत्ते के पौधे को पर्याप्‍त सनलाइट की जरूरत होती हैं इसलिए पौधे को ऐसे जगह लगाए जहां 6 से 8 घंटे की धूप आती हो। करी पत्ते के पौधे को अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में लगाए। इसकी मिट्टी में हल्की नमी बनाकर रखें।

● करी पत्ते के पौधे की ग्रोथ के लिए चावल का पानी एक बेस्ट आर्गेनिक फर्टिलाइजर हैं। चावल को पानी में भिगोकर 1 घंटे तक रख दें। एक घंटे बाद चावल को छानकर पानी निकाल दें, फिर इसी पानी को करी पत्ते के पौधे में डाले। यह आपके पौधे की ग्रोथ को बढ़ाएगा। इसका इस्तेमाल हर 5 से 7 दिन पर एक बार जरूर करें।

● करी पत्ते को हरा-भरा बनाने के लिए इसमें 5-6 दिन पुरानी खट्टी दही या छाछ का इस्तेमाल करें। इसके लिए 1 चम्मच दही या छाछ को 1 लीटर पानी में घोलकर पौधे की पत्तियों पर स्प्रे करें और इसकी मिट्टी में भी डालें। इसका इस्तेमाल हर 15 से 20 दिन पर एक बार जरूर करें। कुछ समय बाद आपका करी पत्ता फिर से हरा-भरा हो जाएगा।

● फल-सब्जियों के छिलको को पानी में भिंगोकर रात भर के लिए रख दे, अगले दिन छानकर करी पत्ते के पौधे में डालें। ऐसा हर 5-7 दिन पर एक बार जरूर करें।

● करी पत्ते का पौधा घना नही हो रहा हैं तो इसको ऊपर से थोड़ा-थोड़ा कट (प्रूनिंग) कर दे, इससे पौधा घना होगा और नीचे से इसका तना भी मोटा होगा। प्रूनिंग करने के बाद पौधे में वर्मीकम्पोस्ट या गोबर की खाद जरूर डाले।

ऐसे ही गार्डनिंग टिप्स के लिए पोस्ट को Like करके हमारे फेसबुक पेज को Follow जरूर करें, धन्यवाद

सॉन्ग ऑफ इंडिया को कटिंग से कैसे उगाएंसॉन्ग ऑफ इंडिया (Dracaena reflexa) को कटिंग से उगाना काफी आसान है। ये एक लोकप्रिय ...
12/10/2024

सॉन्ग ऑफ इंडिया को कटिंग से कैसे उगाएं
सॉन्ग ऑफ इंडिया (Dracaena reflexa) को कटिंग से उगाना काफी आसान है। ये एक लोकप्रिय इनडोर प्लांट है जिसे घर में आसानी से उगाया जा सकता है।
कटिंग लेने का तरीका:
* स्वस्थ डंठल चुनें: एक स्वस्थ और मजबूत डंठल चुनें जो कम से कम 10-15 सेमी लंबा हो।
* कटिंग लें: एक तेज और साफ चाकू या कैंची से डंठल को तिरछा काटें।
* निचले पत्ते हटा दें: कटिंग के निचले हिस्से से सभी पत्तों को हटा दें।
* रूटिंग हार्मोन (वैकल्पिक): आप कटिंग के निचले हिस्से को रूटिंग हार्मोन में डुबा सकते हैं, लेकिन ये जरूरी नहीं है।
कटिंग लगाने का तरीका:
* मिट्टी तैयार करें: एक गमले में अच्छी गुणवत्ता वाली मिट्टी भरें।
* कटिंग लगाएं: कटिंग को मिट्टी में लगाएं।
* पानी दें: मिट्टी को हल्का गीला रखें।
* धूप: कटिंग को अप्रत्यक्ष धूप वाली जगह पर रखें।
देखभाल:
* पानी: मिट्टी को हमेशा थोड़ी नम रखें, लेकिन ज्यादा पानी न दें।
* धूप: अप्रत्यक्ष धूप में रखें।
* तापमान: सामान्य कमरे का तापमान ठीक रहता है।
* उर्वरक: हर 2-3 महीने में पौधे को उर्वरक दें।
टिप्स:
* कटिंग को प्लास्टिक की थैली से ढकने से नमी बनी रहती है और जड़ें जल्दी आती हैं।
* आप पानी में भी कटिंग को जड़ें निकाल सकते हैं।
* अगर आपकी कटिंग सूख रही है तो उसे ह्यूमिडिटी बढ़ाने वाली जगह पर रखें।

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