
28/08/2025
सत्य घटना 1.
इतिहास से सबक लो और जागो वरना भागकर जाओगे कहां ! गद्दार उस समय भी थे और सेकुलर के रूप में आज भी हैं जो हंसके बरगलाते हैं की हिंदू खतरे में कहां है ! #जिहाद #इतिहास
जिसने नालंदा विश्वविद्यालय मे घुसकर हजारों बौद्ध भिक्षुओं का कत्ल किया और विश्व की सबसे अधिक 90 लाख पुस्तकों को जलाया और 6 महीने तक धुआं उठता रहा उसके नाम से स्टेशन का नाम हमारी कमजोरी को परिलक्षित करता है !
गुप्त साम्राज्य की देन - महान नालंदा विश्वविद्यालय, जो आज भी भारत के विश्वगुरु कहलाने का जीता जागता प्रमाण है। 5वीं सदी से यहां देश विदेश से कई छात्र पढ़ने आते थे। इसकी स्थापना प्रतापी राजा कुमारगुप्त द्वारा की गई थी। 13वीं सदी में बख्तियार खिलजी ने इसको ध्वस्त किया था।
देश से प्यार करो, देश की रक्षा करो 🇮🇳
जब तक हमारी सेनाएँ मजबूत हैं, नेतृत्व दृढ़ है और सरकार कुशल रणनीतियों पर चल रही है, तब तक हम सुरक्षित हैं।
लेकिन याद रहे –
👉 अफवाहों और गद्दारों की साज़िशें किसी भी मज़बूत प्रणाली को तोड़ सकती हैं।
👉 टूटा हुआ तंत्र (System) फिर से खड़ा करने में बलिदान और शताब्दियाँ लग जाती हैं।
भारतीय इतिहास इसका साक्षी है—
जहाँ-जहाँ हिंदू राजाओं से गद्दारी हुई, वहीं- वहीं आक्रमणकारियों (तुर्क, अफगान, मुग़ल और अंग्रेज़) ने लाभ उठाया।
इन गद्दारियों के परिणाम सिर्फ़ सत्ता परिवर्तन तक सीमित नहीं थे—
⚔️ सैनिकों और पुरुषों का नरसंहार हुआ।
⚔️ असंख्य महिलाएँ गुलामी में धकेली गईं।
⚔️ आत्मसम्मान की रक्षा के लिए राजपूतनियों और रानियों ने जौहर की अग्नि में समर्पण कर दिया।
⚔️ गद्दारी की प्रमुख घटनाएँ (Timeline) ⚔️
712 ई. – राजा दाहिर (सिंध)
– मोहम्मद बिन क़ासिम को कुछ स्थानीय राजाओं और अपने ही सगे-संबंधियों से गद्दारी झेलनी पड़ी, नतीजा: अरब आक्रमण सफल हुआ।
1192 ई. – पृथ्वीराज चौहान
– तराइन की दूसरी लड़ाई में जयचंद (कन्नौज) की गद्दारी से मोहम्मद गौरी विजयी हुआ, दिल्ली और उत्तर भारत पर मुस्लिम शासन शुरू हुआ।
1295–1303 ई. – राजस्थान
– चित्तौड़, जैसलमेर और रणथंभौर पर अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण के समय कुछ स्थानिक गद्दारों ने शत्रु को सहायता पहुँचाई।
1526 ई. – पानीपत की पहली लड़ाई
– इब्राहीम लोदी के अनेक सरदार बाबर के पक्ष में चले गए, परिणामस्वरूप दिल्ली पर मुग़ल सत्ता की स्थापना हुई।
1535–1568 ई. – गुजरात और चित्तौड़
– बहादुर शाह गुजरात और बाद में अकबर के समय, चित्तौड़ के किलों की रक्षा को आंतरिक गद्दारों ने कमजोर किया।
1757 ई. – बंगाल (प्लासी की लड़ाई)
– सिराजुद्दौला के सेनापति मीर जाफ़र ने अंग्रेज़ों से मिलकर गद्दारी की, परिणामस्वरूप ईस्ट इंडिया कंपनी का राज स्थापित हुआ।
1857 ई. – स्वतंत्रता संग्राम
– कई राजाओं और जमींदारों ने अंग्रेज़ों से मिलीभगत की, जिससे विद्रोह असफल हुआ और भारत लगभग 90 वर्षों तक और गुलाम बना रहा।
🔥 संदेश:
गद्दारी केवल एक राजा की हार नहीं होती,
बल्कि पूरी सभ्यता और राष्ट्र के अस्तित्व पर प्रहार होती है।
इसीलिए –
👉 देश से प्यार करो, देश की रक्षा करो, एकता और निष्ठा बनाए रखो।
#इतिहास #सेकुलर