12/09/2024
*कृष्ण* जिसे नहीं मिले,
युगों युगों से आजतक *उसी* के हैं,
और जिसे मिले उसे मिले ही नहीं।
तभी कहते है, *कृष्ण* को
पाने का प्रयास मत कीजिये,
पाने का प्रयास करोगे
तो कभी नहीं मिलेंगे।
बस प्रेम कर के छोड़ दीजिए,
फिर जीवन भर साथ निभाएंगे *कृष्ण* ।
कृष्ण इस सृष्टि के सबसे अच्छे मित्र हैं।
राधिका हों या सुदामा,
कृष्ण ने मित्रता निभाई तो ऐसी निभाई
कि इतिहास बन गया।
*मनुष्य* को... कुछ न कुछ तो छूटता ही रहता है।
जितनी चीज़ें *कृष्ण* से छूटीं
उतनी तो किसी से नहीं छूटीं।
कृष्ण से उनकी *माँ* छूटी,
पिता छूटे, *नंद-यशोदा* भी छूटे,
संगी-साथी छूटे, *राधा* छूटीं,
*गोकुल* छूटा, फिर *मथुरा* छूटी।
कृष्ण से जीवन भर कुछ न कुछ
छूटता ही रहा।
कृष्ण जीवन भर *त्याग* करते रहे।
हमारी आज की पीढ़ी जो
कुछ भी छूटने पर दुःखी होने लगती है,
उसे *कृष्ण* को गुरु बना लेना चाहिए।
जो कृष्ण को समझ लेगा
वह कभी अवसाद में नहीं जाएगा।
कृष्ण आनंद के देवता है।
कुछ छूटने पर भी कैसे खुश रहा जा सकता है?
यह कृष्ण से अच्छा कोई
सिखा ही नहीं सकता।
*महागुरु थे कन्हैया* ...
*जय श्री कृष्णा*
*पोस्ट अच्छा लगा होगा तो रिएक्ट ज़रूर करे*